संगम तीरे से स्वर्ण मंदिर तक का सफर। दो धर्मों का मक्का कहा जाने वाले शहर में काम करने का मौका। काम करने का जज्बा और बुलंद इरादों की बदौलत भारत-पाकिस्तान का मुख्य द्वार वाघा सीमा को छूककर पहुंचे लाल किला फतह करने। उम्मीद है कि एक अलग मुकाम तय करूं....। कुछ खास नहीं...वक्त के साथ चलने की कोशिश कर रहा हूं...
हर हर महादेव।
जवाब देंहटाएंSBAI TSALIIM