मंगलवार, 21 अप्रैल 2009

कल रात मेरे पति से भूल हो गई !

सुनिये जी ! कल रात फिर आपसे भूल हो गई है । इतनी जल्दबाजी में क्यूं रहते हैं ?
वैधानिक चेतावनी: 18 साल से कम उम्र के व्यस्क इस व्यंग्य लेख को माँ-बाप से छिप कर पढें (क्यूं कि पढे बिना तो मानोगे नहीं) ।
इधर कुछ महीनों से सवेरे-सवेरे अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि निबटा कर जब चाय के साथ दुनिया जहान की खबरें पढने बैठता हँू तो एक पता नहीं कौन सी भाभी जी हैं, आजकल हर दूसरे-तीसरे फ्रंट पेज पर अपना मुखड़ा सहित दुखड़ा लेकर चली आती हैं । क्या कहूँ, ”कल रात मेरे पति से फिर भूल हो गई” । भाई साहब इधर शेयर मार्केट में आग लगी है, गठबन्धन सरकार की गाँठे खुल रही है, ट्रेनें बहक-बहक कर पटरियों को तलाक दे रही है, मेडिकल इक्ज़ाम के पेपर आउट हो रहे हैं, सालियाँ प्रेममयी जीजाओं को ठेंगा दिखा यारों संग चम्पत हो रहीं हैं, मतलब की और भी बहुत से गम हैं अखबार में इसके सिवाय कि इधर इनके पति से सोमवार रात भूल हुई थी इधर शुक्कर की रात साला फिर भूल भलैया में फंस गया ।
घोर विपदा में पड़ी इन भाभी जी के बारे में मैं विचार करने लगा कि इनके पति को कौन सी बीमारी हो सकती है । अल्जाईमर्स का मर्ज हो सकता है क्यूंकि इस बीमारी में मरीज की याद्दाश्त जाती रहती है । या फिर भाईसाहब ने शादी ही प्रोढ़ावस्था के बाद की होगी । उम्र के साथ साथ याद्दाश्त पर भी असर पड़ने लगता है । लेकिन ऐसी क्या बात है कि भाई साहब सप्ताह में दो-तीन बार ऐसी जरूरी बात मिस कर जाते हैं और दूसरे दिन भाभी जी इस हादसे की खबर शहर के हर अखबार के पहले पन्ने पर प्रकाशित करवा देती हैं । मेरे नौ वर्षीय भतीजे से जब नहीं रहा गया तब वह जिज्ञासू पूछ ही बैठा ”ताऊजी ये आंटीजी के अंकल जी हर रात ऐसी क्या चीज भूल जाते हैं कि आंटी जी बार बार अखबार में इनकी शिकायत करती रहती हैं ?” मैं क्या जवाब देता । मैं खुद इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा था ।
अब भाभी जी भी कम भुलक्कड़ नहीं हैं । हर दूसरे तीसरे ये खबर छपवा देती हैं कि कल रात मेरे पति से भूल हो गई, पर अपने घर का पता या मोबाईल नं0 छपवाना भूल जाती हैं । भई कुछ अता पता दो, हम लोग घर पहुंच कर मामले की गंभीरता को समझें और गहराई से इस पहेली की पड़ताल करें की साला ममला कहाँ से शुरू होता है और कहाँ जाकर खत्म होता है । ये रोज रोज एक अबला का दर्द हम लोगों से अखबार में नहीं पढा और सहा जायेगा । बात क्या है । अगर भाई साहब इतने ही बड़े भारी भुलक्कड़ हैं तो दुनिया में भाई साहेब लोगों का अकाल नहीं पड़ा है । आप इन भुलक्कड़ भाई साहब से अपना पल्लु झटक कर किसी दूसरे दिमागदार और याद्दाश्त के धनी भाई साहब से गठबंधन कर सकती हैं । पूज्य भाई साहेब जी अगर कोई बहुत जरूरी जीच हर दूसरी-तीसरी रात भूल ही जाते हैं तो भाभी जी हमें बतायें । हम लोग उनकी इस भूल को दुरस्त करने का भरसक प्रयास करेंगे ।
तो मित्रों, सवेरे सवेरे एक सांवली सलोनी, हष्ट पुष्ट (क्यूंकि भाभी जी ये खबर मय फोटो के छपवाती हैं), मातम मनाती सुदंर स्त्री का विलाप पढते-पढते जब दिल और दिमाग दोनो जवाब दे गये तब जाकर पता चला कि भाई साहब रात में टोपी पहनना भूल जाते हैं और भाभी जी इस भरी जवानी में पैर भारी होने की टेंशन से पीड़ित हो कर सवेरे- सवेरे अपने नादान पति की कारगुजारी अखबार में छपवा देती हैं । अब आप सोच रहे होंगे कि ये अखबार वाले भी न, एक नं0 के शैतान होते हैं । इसी बहाने एक सुंदर महिला रोज-रोज इनके दफ्तर अपने पति की नादानियाँ सुनाने पहुँच जाती है और ये लोग भी अपना सारा काम-धाम छोड़कर, खूब चटकारे लेकर उनके पतिदेव की नादानियाँ सुनने में लग जाते होंगे । नहीं मित्रों, ऐसी कोई बात नहीं है । न तो उन हसीन भाभीजी के पतिदेव रोज-रोज कोई भूल करते हैं और न ही वो अप्सरा अपना दुखड़ा लेकर रोज-रोज अखबार के दफ्तर पहुँची रहती हैं । बात ये है कि एक दवा की कम्पनी है जिसकी एक दवा 72 घंटे के अंदर ऐसी किसी भी हसीन भूल-चूक, लेनी-देनी के कारण हुई टेंशन का निवारण करती है । सारा कसूर साली इस कम्पनी का था और हम बेवजह इन हसीन भाभी जी के पेटपिरावन कष्ट को याद कर कर के पिलपिला रहे थे । एक तो कम्बख्त आजकल ये भी पता नहीं चलता है कि अखबार में कौन सी चीज खबर है और कौन सी चीज विज्ञापन ।
वैसे इस प्रकार की दवा कम्पनियाँ भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय पर उपकार ही कर रही हैं । ये एक हसीन सी जिस्मानी भूल-चूक, लेनी-देनी को माफ और साफ कर देती हैं और इसकी वजह से बाद में बेवजह के गर्भपात से भी छुटकारा मिल जाता है । लेकिन इस दवा के कारण अब प्रेमी प्रेमिकाओं, स्कूली छात्र-छात्राओं, अपने धर्मपति से नाउम्मीद धर्मपत्नियों को या अपनी धर्मपत्नी से नाउम्मीद धर्मपतियों को, शादी का वादा करके एडवांस में सुहागरात मनाने वाले गंधर्व पुरूषों को एक सहूलियत मिल गई है । इस व्यभिचार को बढावा देने के लिए भारत की पुरातन संस्कृति सदैव इन समाज सेवी दवा कम्पनियों की ऋणी रहेंगी ।
तो ये कहानी थी मित्रों, हसीन दुखियारी भाभी जी की । इसके अलावा कुछ विज्ञापन और भी छपते हैं हष्ट-पुष्ट, स्वस्थ नारियों के फोटो सहित, जिसमें उनके जिस्म के उभारों को नारी सौंदर्य का प्रतीक बताया जाता है और इन उभारो के प्राकृतिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व को दर्शाया जाता है और साथ ही बताया जाता है कि इस प्राकृतिक नारी सौंदर्य के बिना आप अधूरी हैं । आपके इस अधूरेपन को पूरा करने का ठेका भी इनकी चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल प्राईज विनर दवाओं ने ले रखा है । इसलिए अगर आप ठीक तरह से अपने प्रेमियों और पतियों को प्रेमरस से परिपूर्ण जिस्मानी सर्विस नहीं दे पा रहीं है तो आपकी इस दुविधा को दूर करने के लिए हमें एक बार सर्विस का मौका दें और एक बार हमारे बॉडी टोनर का प्रयोग कर के देखें ।
मित्रों, अब इन विज्ञापनों को पढ कर 80 प्रतिशत महिलाओं के मन में हीन भावना आ जायेगी कि मेरा शरीर मेरे पार्टनर को संतुष्ट करने लायक नहीं है और दूसरी तरफ मर्दजात के मन में एक ख्वाईश पैदा हो जायेगी कि पार्टनर हो तो ऐसा हो, नहीं तो न हो । अब यह मेडिकल के छात्रों के लिए शोध का विषय है कि इस प्रकार के बॉडी टोनर से क्या वाकई में सभी महिलाओं के उभार पामेला एंडर्सन जैसी ऊंचाईयाँ प्राप्त कर लेंगे । खुदा जाने । मेरी जानकारी में तो भगवान ने आपको जैसा शरीर दिया है उसमें बिना कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद के कोई बदलाव नहीं लाया जा सकता है । लेकिन सवेरे-सवेरे इन हसीन भाभीयों का दुख पढ कर दिल भर आता है और फिर ये लगता है कि काश मैं इनकी कोई मदद कर पाता ।

सोमवार, 20 अप्रैल 2009

गरीबों की पार्टी के धनकुबेर प्रत्याशी


गरीबों व दलितों की पार्टी कहलाना पसंद करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राजधानी दिल्ली में धनकुबेरों को अपना प्रत्याशी बनाया है। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी करोड़पति हैं। संपत्ति के मामले में ये दिल्ली के अमीर तबके को भी मात देते दिखते हैं। इन्हीं में दो प्रत्याशी तो ऐसे हैं जो देश के सर्वाधिक धनकुबेरों में शुमार हैं। पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से बीएसपी प्रत्याशी दीपक भारद्वाज 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के मालिक हैं। यानि 15वीं लोकसभा के लिए चल रहे महासमर में देश के सबसे अमीर प्रत्याशी। वहीं दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से कंवर सिंह तंवर करीब 153 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। चुनाव आयोग को दिए शपथपत्र के मुताबिक, पश्चिमी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी दीपक भारद्वाज की कुल संपत्ति 600 करोड़ रुपये (पत्नी और बच्चे का मिलाकर) से ज्यादा की है। इनकी आवासीय संपत्ति 76.46 करोड़ रुपये एवं बैंक जमा राशि 60 लाख रुपये से ज्यादा की है। वहीं अन्य बैंकिंग संपत्ति 18 करोड़ 82 लाख, 57 हजार, वाहनों की कीमत 12 लाख, 79 हजार, ज्वैलरी 44 लाख 72 हजार, अन्य संपत्ति 32 करोड़ 14 लाख 64 हजार है। इसमें सबसे ज्यादा कृषि योग्य भूमि 468 करोड़ 57 लाख रुपये व गैर कृषि योग्य जमीन 6 करोड़ 40 लाख 59 हजार से ज्यादा की है। दूसरे बसपा प्रत्याशी हैं
गरीबों की पार्टी के ये धनकुबेर प्रत्याशी दक्षिणी दिल्ली के कंवर सिंह तंवर, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 153 करोड़ रुपये। इसमें नकदी 11 लाख, दो फार्म हाउस की कीमत 53 करोड़ 35 लाख रुपये, कुल जमीन 87 करोड़ 67 लाख रुपये, बांड/शेयर 1 करोड़ 64 लाख रुपये, देसी एवं विदेशी कार 1 करोड़ 16 लाख रुपये के हैं। तीसरे बसपा प्रत्याशी हैं चांदनी चौक लोकसभा सीट से उम्मीदवार मुहम्मद मुस्तकीम। हलफनामे के अनुसार, इनकी कुल संपत्ति करीब 20 करोड़ रुपये की है। इसमें नकदी 2 लाख 91 हजार रुपये, आवास 8 करोड़ 95 लाख, कृषि योग्य भूमि 3 करोड़ 20 लाख रुपये, वाहन 73 लाख 32 हजार, अन्य वित्त पत्र 21 लाख, अन्य बैंकिंग संपत्ति 6 करोड़ 45 लाख रुपये है। चौथे और पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरे हाजी यूनुस के पास कुल संपत्ति करीब 20 करोड़ रुपये है। इसमें नकदी चार लाख, बैंक जमा राशि 14 लाख 70 हजार, गाड़ी के नाम पर एक बोलेरो, जेवर 3 लाख 60 हजार, अन्य संपत्ति 17 लाख 50 हजार, जमीन लगभग 32 लाख रुपये, आवास 25 लाख रुपये कीमत की है। नई दिल्ली लोकसभा सीट से उतरे बसपा के पांचवें प्रत्याशी त्रिलोक चंद्र शर्मा भी करोड़पति हैं, हालांकि उन्होंने मात्र 2 करोड़ 39 लाख रुपये की संपत्ति का ही शपथपत्र में उल्लेख किया है। कैश के नाम पर पांच लाख रुपये और बैंक में 15 हजार रुपये की नगदी दिखाई है। अन्य बैंकिंग संपत्ति के नाम पर 9 लाख 76 हजार, वाहन 1 करोड़ से ज्यादा की (पत्नी व बच्चे का मिलाकर), जेवर 31 लाख 56 हजार एवं आवासीय संपत्ति 79 लाख रुपये के लगभग है।

इंटरनेट पर सवाल दाग रहे दिल्ली-6 के लोग

ज्रमाने का देखो चलन कैसे-कैसे----- हाईटेक युग में अपनी बात रखने के लिए जहां लोग नेताओं पर चप्पल फेंक रहे हैं, वहीं दिल्ली-6 के मतदाता इंटरनेट पर सीधे नेताजी से सवाल दाग रहे हैं। चुनाव मैदान में कूदे नेताओं द्वारा बनाई गई वेबसाइट एवं ब्लाग पर लोग स्थानीय समस्याओं से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे तक उठा रहे हैं। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में जो जैसा है, उससे उसी स्तर के सवाल पूछे जा रहे हैं। सवालों की सबसे ज्यादा बौछार दिल्ली-6 के लोगों ने की है। वह भी केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल से। इसमें कुछ समस्याएं तो इतनी गंभीर और जटिल हैं कि उसे सिब्बल क्या सरकार को भी सोचने पर मजबूर कर देंगी। दिल्ली-6 के जागरूक मतदाता जो बात रैली या फिर धरना प्रदर्शन में नहीं कह सकते, वह बात अब इंटरनेट के माध्यम से रख रहे हैं। आइये, ले चलते हैं आपको सीधे इंटरनेट पर..। 18 अप्रैल को लिखे सवाल में दिल्ली के सैय्यद जावेद ने बड़ा ही गंभीर प्रश्न उठाया है। वह यह कि दिल्ली चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं है। संकरी गलियों एवं ऊंची इमारतों में रहने वालीं 80 फीसदी महिलाएं मोटापा, जोड़ों के दर्द सहित अनेक बीमारियों से पीडि़त हैं। क्योंकि, स्वच्छ एवं ताजी हवा, घूमने के लिए पार्क जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। घनी आबादी के बीच बने छोटे-छोटे घरों में रहने वाली महिलाओं के लिए किसी सरकारों ने कभी नहीं सोचा। इलाके में एक पार्क है जरूर, लेकिन वहां पुरुषों का कब्जा है। महिलाओं के लिए वहां जाना खतरों से खाली नहीं है। हां, अगर उसी पार्क में सुरक्षा व्यवस्था ठीक कर दी जाए तो दिल्ली-6 की महिलाओं को बीमारी से बचाया जा सकता है। सवाल के जवाब में सिब्बल ने जल्द इस बारे में अहम कार्रवाई का भरोसा दिया है। साथ ही कहा है कि वह क्षेत्र की महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं। दिल्ली के पुरुषोत्तम अग्रवाल ने मुनि माया राम अस्पताल और वैशाली रोड पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से बचने के लिए पेड़ काटकर सड़क चौड़ा करने का सुझाव दिया है। 14 अप्रैल को दागे सवाल में दिल्ली के आशीष गर्ग ने पूछा है कि लारेंस रोड औद्योगिक क्षेत्र का 5 साल से बन रहा सब-वे कब पूरा होगा। चुनाव में नेता भाषण देते हैं और बाद में गायब हो जाते हैं। आखिर यह कब तक..। दिल्ली के नीतीश जैन ने 13 अप्रैल को सवाल पूछा था कि बादली तक मेट्रो कब तक पहुंचेगा। दीपक खत्री पूछते हैं कि चांदनी चौक से भाजपा उम्मीदवार की बदौलत टायर मार्केट, फिल्मिस्तान उजड़ गया, सैकड़ों की रोजी-रोटी चली गई, आप क्या करेंगे। अशोक विहार, फेज-1, बी-ब्लाक में सुरक्षा को लेकर अमित लोहानी ने बड़ा सवाल उठाया है। सुरक्षा न होने के कारण लुटेरों एवं नशेड़ी लोग आए दिन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली की रुपाली जैन पूछती हैं कि अब तक सिब्बल जी क्षेत्र में आपने क्या किया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों से भी राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर सवाल दागे जा रहे हैं।

सुनील पाण्‍डेय
नई दिल्‍ली।