नई दिल्ली`अतिçथ देवो भव´, यह सरकार का मूलमंत्र है पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए। अतिçथ देवता के समान हैं, कागजों में उन्हें दर्जा भी देवता का दिया जाता है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में इसका मतलब कुछ और है। यहां जिस अतिçथ (देवता) का आदर सत्कार होना चाहिए था उन्हें लूटा जा रहा है। वह भी पूरी योजनाबद्ध तरीके से। हैरानी की बात तो यह है कि इस कृत्य में वही लोग शामिल हैं, जिन्हें सरकार ने अतिçथयों के स्वागत का जिम्मा सौंपा है। असेü से चल रहे ठगी के इस `ख्ोल´ में एक साथ कई संगठन (चैन बनाकर) काम कर रहा है। दिल्ली ही नहीं देश के सभी पर्यटन स्थलों पर ऐसा ही होता है। अतिçथ देवो भव: का मूलमंत्र रटने वाले पर्यटन विभाग एवं सरकार भी इससे वाकिफ है, लेकिन वह चैन को तोड़ने में असमथü हैं। क्योंकि, हर कोई `चांदी का जूता´ कमीशन में चाहता है। यह सारा `ख्ोल´ कमीशन के लिए होता है। लेकिन, लूटा जाता है सीधा-साधा विदेशी पर्यटक। आप भी सुनकर हैरान हो जाएंगे कि विदेशी पर्यटकों के साथ देश में क्या सलूक किया जाता है। उन्हें ख्ारीदारी के लिए चुनिंदा दुकानों/शोरूमों में ले जाया जाता है, और 500 रुपये की चीज 5000 रुपये में दिलाई जाती है। दिल्ली में 150 से ज्यादा बड़ी टे्रवल एजेंसियां हैं, जो 20 से 25 बड़े शोरूमों से जुड़ी हैं। विदेशी अतिçथयों को उन्हीं दुकानों में ले जाते हैं, जहां से उनका कमीशन फिक्स हैं। दिल्ली के बाहर ख्ाजुराहो, वाराणसी, आगरा, जयपुर, चंडीगढ़, अमृतसर, जोधपुर, उदयपुर, कोलकाता, हिमाचल, श्रीनगर आदि पर्यटन स्थलों पर भी यही हाल है। मजेदार बात यह है कि एक विदेशी पर्यटक देश में जैसे ही कदम रख्ाता है उसके साथ 5 एजेंसियां जुड़ जाती हैं। वह जहां-जहां चलता है, आगे पीछे लोग लग जाते हैं। अगर वह एक जगह दुकान में ख्ारीददारी करता है तो तकरीबन 47 फीसदी कमीशन इनका बनता है। इसमें 10 फीसदी ड्राइवर, 10 फीसदी टूरिस्ट गाइड, 10 प्रतिशत ट्रेवल एजेंसी, 10 प्रतिशत गाड़ी मालिक एवं साढ़े 7 फीसदी कमीशन दुकान के दलाल को मिलता है, जो स्टेशन से ही गाड़ी के पीछे चिपक जाता है। कमीशन के कारण ही गाड़ी मालिक ड्राइवर को तनख्वाह नहीं देता। वह साफ कह देता है कि जाओ टूरिस्ट को लूटो...।`देवताओं´ को ख्ाुलेआम लूट रहा है गिरोह विदेशी मेहमानों को वषोZ से सेवा दे रहे राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के सेक्रेटरी बलवंत सिंह की माने तो `देवताओं´ को ख्ाुलेआम लूटा जा रहा है। इसमें एक गिरोह पूरी तरह से काम कर रहा है। जो बड़े ही शातिर अंदाज में रोजाना सैकड़ों विदेशी पर्यटकों को लूट रहा है। वह कहते हैं कि अतिçथयों को ठगने वाले ट्रेवल एजेंसियों एवं दुकानों को सील कर देना चाहिए। वह आवाज भी उठा चुके हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता।
`सेफ्टी एक्ट´ बना रही है सरकार दिल्ली टूरिज्म के आला अधिकारी इस बात से वाकिफ हैं कि विदेशी मेहमानों के साथ ठगी होती है। तभी तो इसे रोकने के लिए `टूरिज्म शेफ्टी एक्ट´ बनाया जा रहा है। दिल्ली टूरिज्म के असिस्टेंट डायरेक्टर डीके गुप्ता की माने तो शेफ्टी एक्ट बहुत जल्द (कामनवेल्थ गेम्स से पहले) तैयार लागू हो हो जाएगा। प्रपोजल पाइपलाइन में है, बस घोषणा होना बाकी है। इसके बाद दिल्ली में विदेशी मेहमानों को ठगी का शिकार नहीं होना पड़ेगा।
--सुनील पाण्डेय-
भारतीय संस्कृति में हास्य व्यंग्य की जड़ें
8 वर्ष पहले